ALU Full Form in Hindi : ALU का फुल फॉर्म इंग्लिश में Arithmetic Logic Unit होता है। यह मुख्य रूप से एक कंप्यूटर में महत्वपूर्ण घटक है जो गणना और तार्किक कार्य को अंजाम देता है। यह कंप्यूटर प्रोसेसर का एक हिस्सा होता है और कंप्यूटर मेमोरी से डाटा लेता है और उसे गणितीय या तार्किक आवश्यकताओं के अनुसार प्रोसेस करता है।
इसका मुख्य कार्य गणना ऑपरेशन जैसे जोड़, घटा, गुणा, भाग और तार्किक ऑपरेशन जैसे AND, OR, NOT करना है। आज के इस लेख में हम आपको इससे जुड़ी पूरी जानकारी ALU Full Form in Computer क्या है?, इसके कार्य इत्यादि के बारे में जानकारी देंगे, तो चलिए शुरू करते हैं।
ALU क्या है?
ALU यानी Arithmetic Logic Unit कम्प्यूटर के महत्वपूर्ण भाग में से एक है जो गणना और तार्किक कार्य को संपादित करता है। यह कम्प्यूटर प्रोसेसर में स्थित होता है और इसका प्रमुख कार्य नंबरों और डेटा के साथ गणितीय ऑपरेशन करना है। यह दो प्रमुख गणना ऑपरेशन (जोड़ना और घटाना) के लिए उपकरण प्रदान करता है और इसके साथ ही तार्किक ऑपरेशन (बाइनरी और लॉजिकल गेट्स) भी संचालित करता है।
एएलयू अक्सर क्लॉक संचालित होता है और प्रोसेसर के अन्य भागों से तार्किक और गणना ऑपरेशन के लिए इनपुट प्राप्त करता है। यह इनपुट नंबर और डेटा पर ऑपरेशन करता है और परिणाम को रजिस्टर या कैश मेमोरी में स्थानांतरित करता है। ALU की गणना करने की गति ही प्रोसेसर के तेजी को निर्धारित करती है जिससे वह कुशलता से समस्याएं हल कर सके। अरिथमेटिक लॉजिक यूनिट, कम्प्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में मौजूदा समय में एक अध्ययन का केंद्र है जो आधुनिक कंप्यूटर (COMPUTER) के विकास और सुधार को संभाव्य बनाता है।
ALU Ka Full Form क्या है?
ALU का फुल फॉर्म “अर्थमैटिक लॉजिक यूनिट (Arithmetic Logic Unit)” होता है। यह एक कंप्यूटर मेमोरी में स्थित होता है और संख्यात्मक और तार्किक ऑपरेशनों को कंप्यूट करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह कंप्यूटर प्रोसेसर के दो बहुमुखी इनपुटों को लेता है और उन्हें आयोजित रूप में प्रक्रिया करता है।
यह कंप्यूटर के अहम भागों में से एक है और कंप्यूटर के सार्वजनिक और सांख्यिक ऑपरेशनों को संचालित करने में मदद करता है। इसके फुल फॉर्म को नीचे टेबल के माध्यम से आप और आसानी से समझ सकते हैं –
A For | Arithmetic (आर्थमेटिक) |
L For | Logic (लॉजिक) |
U For | Unit (इकाई) |
ए एल यू का क्या कार्य है
जैसा ऊपर हमने बताया है कि Arithmetic Logic Unit एक कंप्यूटर मेमोरी कंपोनेंट है जो कंप्यूटर के माध्यम से अंकगणितीय और तार्किक गणनाओं को करता है। यह कंप्यूटर के प्रोसेसर या CPU में स्थित होता है और प्रोसेसिंग और नियंत्रण कार्यों को संचालित करता है। यह दो प्रमुख कार्यों को संपादित करता है जिनका उल्लेख निम्नलिखित है-
- अंकगणितीय गणनाएं : इसमें में संख्या संगणनाएं जैसे जोड़, घटाव, गुणा और भाग करने के कार्य होते हैं। यह संख्याएं बिन्दुविकल्पीय (दशमलव, बाइनरी आदि) रूप में संचालित करता है।
- तार्किक गणनाएं : ALU तार्किक ऑपरेशन जैसे संबंध, नकारात्मकता, नेगेशन, तुलना आदि को करता है। यह संख्याओं के बाइनरी प्रतिनिधि को आधार बनाकर कार्य करता है।
ALU कंप्यूटर के तमाम प्रोग्रामों को संचालित करने में मदद करता है और उपयोगकर्ता के द्वारा दिए गए निर्देशों को पूरा करता है। इसके द्वारा विभिन्न गणनाएं करके, डेटा को प्रसंस्करण किया जाता है जो कंप्यूटर के सही चलन और नतीजों के लिए महत्वपूर्ण होता है।
अर्थमैटिक लॉजिक यूनिट के भाग
ALU कंप्यूटर में गणना और तार्किक आपरेशनों को करता है। ALU कंप्यूटर के CPU (Central Processing Unit) में स्थित होता है और उसके भागों में आता है।
एलयू के दो प्रमुख भाग होते हैं – अर्थमैटिक भाग और लॉजिकल भाग। अर्थमैटिक भाग संख्याओं के गणना जैसे जोड़, घटाव, गुणा, भाग आदि का काम करता है, जबकि लॉजिकल भाग तार्किक आपरेशनों को संचालित करता है जैसे NOT, AND, या (OR), और (AND), नॉट (NOT) आदि।
ALU में इनपुट डेटा को प्रोसेस किया जाता है और उत्पादन को उत्पन्न किया जाता है जो आगे की प्रक्रिया के लिए उपयुक्त होता है। यह संख्या प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और कंप्यूटर के सही विभाजन को संभव बनाता है।
ALU में कितने नम्बर में बिट्स होते हैं?
एलयू में बिट्स की संख्या सिस्टम के अनुसार भिन्न-भिन्न हो सकती है। एक ALU में आम तौर पर 32 बिट्स या 64 बिट्स होते हैं, जो विभिन्न प्रकार के कार्यों जैसे कि गणना, तुलना और लॉजिकल ऑपरेशन को समर्थन करते हैं। इसके अलावा, बहुत बड़े और उन्नत ALUs भी हो सकते हैं जिनमें अधिक बिट्स होते हैं, जो और भी विस्तृत कार्य को करने में सक्षम हो सकते हैं।
ए एल यू किसका भाग है?
ALU यानी Arithmetic Logic Unit कंप्यूटर के महत्वपूर्ण भागों में से एक है। यह CPU (Central Processing Unit) का एक अभिन्न भाग होता है जो संख्यात्मक गणनाएं और तार्किक कार्य करता है। यह गणना (जैसे जोड़ना, घटाना, गुणा, भाग, और तिगुना) और तार्किक कार्य (जैसे तुलना, और, या, नहीं) को पूरा करता है।
इसके द्वारा, कंप्यूटर विभिन्न कार्यों को प्रोसेस करता है और उपयुक्त नतीजे प्रदान करता है। अंततः, ALU CPU के अन्य भागों के साथ समन्वय करता है और कंप्यूटर को विभिन्न यूजर्स द्वारा दी गई निर्देशों को पूरा करने के लिए सक्षम बनाता है।
एएलयू में अतिप्रवाह का पता कैसे लगाया जाता है?
अतिप्रवाह यानी Overflow को ALU (Arithmetic Logic Unit) में पता लगाने के लिए, आपको निम्नलिखित कदमों का चरणबद्ध ढंग से पालन करना होगा –
- सबसे पहले, आपको अपने अपर और निचले संख्या के बाइनरी प्रतिनिधि के साथ एक संख्या ऑपरेशन (जैसे जोड़ना, घटाना, गुणा आदि) का चयन करना होगा।
- इसके बाद अपने ऑपरेशन को बिना किसी अतिप्रवाह जांच के चलाएं और परिणाम प्राप्त करें।
- अब, अपने ऑपरेशन के परिणाम को एक अद्यतनित अतिप्रवाह नियंत्रक या अद्यतनित अतिप्रवाह लॉजिक (Overflow Flag) रखना होगा। यह लॉजिक फ्लैग संख्या परिणाम के बिनरी प्रतिनिधि में एक विशेष बिट के माध्यम से उपलब्ध होता है।
- फिर इस अद्यतनित अतिप्रवाह नियंत्रक को यदि ऑपरेशन में अतिप्रवाह होता है तो उसे एक उच्च स्थान पर सेट किया जाता है। इससे पहले, यदि अतिप्रवाह नहीं होता है, तो यह जिरो (Zero) पर सेट किया जाता है।
- अब, अतिप्रवाह नियंत्रक का वैल्यू देखें और अगर वह सेट है, तो आपको अतिप्रवाह हुआ है। इससे परिणाम योग्य नहीं होगा और आपको समाधान या संख्या के बिनरी प्रतिनिधि में आवश्यक बदलाव करने की आवश्यकता होगी।
यह अतिप्रवाह नियंत्रक अधिकांश कंप्यूटर विशेषज्ञों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला प्रभावी तरीका है जिससे अतिप्रवाह को चेक किया जा सकता है।
ALU Full Form से जुड़े FAQ
ए एल यू का पूरा नाम Arithmetic Logic Unit है।
इसमें 32 बिट्स या 64 बिट्स होते हैं।
ALU का अर्थ “Arithmetic Logic Unit” होता है। हिंदी में इसे अंकगणित और तार्किक इकाई कह सकते हैं। यह कंप्यूटर के मशीनी भाषा में गणितीय और तार्किक कार्यों को करता है, जो कंप्यूटर विभिन्न तरीकों से सूचनाएं प्रोसेस करने में मदद करता है।
एक बिट एमआईपीएस (एएलयू) में 1 बाइट में 8 बिट होते हैं, इसलिए एक बाइट एमआईपीएस एएलयू में 8 नियंत्रण संकेत होते हैं।
4 बिट ALU (Arithmetic Logic Unit) एक सर्किट है जो चार बिट नंबर्स के साथ अंकगणितीय और तार्किक कार्रवाईयों को करने की क्षमता रखता है। यह नंबरों को जोड़ने, घटाने, गुणा करने, भाग करने और तार्किक गेट्स जैसी कार्रवाईयों को आपस में संयोजित करता है। इसे मिक्रोप्रोसेसर और माइक्रोकंट्रोलर्स में प्रयोग किया जाता है ताकि वे आवश्यक गणना और कार्रवाईयों को कर सकें।