CMO Full Form – अगर आप मेडिकल लाइन में दुनिया बनना चाहते हैं, तो आज हम आपको एक ऐसी पोस्ट के बारे में बताना चाहते हैं, जिसको पाने का सपना भारत के कई लाख युवा देखते हैं। आज हम जिस चर्चित पद की बात करने वाले हैं उसका नाम है सीएमओ। अगर आप भी सीएमओ बनना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत मददगार साबित होने वाला है, क्योंकि आज हम अपने इस लेख में आपको बताएंगे कि सीएमओ क्या होता है? CMO Full Form in Hindi क्या होता है? सीएमओ कैसे बनें? चीफ मेडिकल ऑफिसर बनने के लिए कौन-सी परीक्षाएं देनी होती है? इसका कार्य क्या होता है? इत्यादि।
आज के समय में हर एक व्यक्ति अपनी पूरी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए एक से बढ़कर एक सपना देख रहा है और उन सपनों के पीछे जी तोड़ मेहनत करता है। कई बार व्यक्तियों के द्वारा अलग-अलग प्रकार की नौकरियों के लिए कोशिश की जाती है, जिनमें कुछ लोग सफल तो होते हैं परंतु कुछ असफल भी होते हैं। अगर हम अपने भारतीय समाज की बात करें तो आम तौर पर लोग इंजीनियर या डॉक्टर बनने की कोशिश करते हैं। कई सारे लोगों को तो कई सारे पोस्ट के बारे में पता ही नहीं होता है, जिसके चलते कई सारी वैकेंसीया कई सालों तक खाली पड़ जाती है।
हम आपको यहां बता देना चाहते हैं कि आज की दुनिया में हर एक फील्ड में ऐसे कई सारे पोस्ट होते हैं जिनके बारे में हमें पता नहीं होता है। तो चलिए आज हम उन्हें में से एक पोस्ट के बारे में बात करने जा रहे हैं जिसका नाम CMO है।
CMO Full Form क्या होता है?
सीएमओ फुल फॉर्म (CMO Ka Full Form) अंग्रेजी में Chief Medical Officer होता है जिसे हम हिंदी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कहते हैं। यह मेडिकल डिपार्टमेंट का हेड माना जाता है। पूरे जिले में जो भी चिकित्सा से जुड़ी हुई जिम्मेदारियां होती है, वह चीफ मेडिकल ऑफिसर पर होती है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी का काम सार्वजनिक स्वास्थ्य के जुड़े हुए सभी मामलों को सुलझाने का भी होता है।
आज के समय में भारत दुनिया का सबसे बड़ा आबादी वाला देश बन चुका है। इस प्रकार की स्थिति में भारत की इस बढ़ती हुई जनसंख्या को लेकर भारत की स्वास्थ्य से जुड़ी हुई समस्याओं को सुलझाना बहुत मुश्किल है। भारत को एक छोटे से जिले के आधार पर भी बांटा गया है, ताकि वहां मेडिकल सुविधा आसानी से दी जा सके। हर एक जिले का अधिकारी इन सभी स्वास्थ्य से जुड़ी हुई सुविधाओं को आम जनता तक पहुंचने में मदद करता है।
CMO का क्या होता है?
चीफ मेडिकल ऑफिसर या मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिसे संक्षेप में सीएमओ के नाम से जाना जाता है, यह जिले के चिकित्सा विभाग का प्रमुख होता है। यह मेडिकल से जुड़े हुए सभी विशेषज्ञों की टीम को मेंटरशिप,कंट्रोल, मॉनिटर और रेगुलेट करता है। यह एक प्रकार का ऐसा अधिकारी होता है, जो सभी सरकारी अस्पतालों की मदद से भारत की जनता को सभी स्वास्थ्य सेवाओं को प्रदान करने के लिए सभी व्यवस्थाओं की निगरानी करता है।
इन सभी कार्यों में अगर इस अधिकारी के द्वारा या विशेषज्ञों के द्वारा किसी प्रकार की कोई बाधा आती है, तो मुख्य चिकित्सा अधिकारी उसे हल भी करता है। हम आपको बता देना चाहते हैं कि यह भारत सरकार के स्वास्थ्य से जुड़े हुए विभाग के सबसे प्रमुख सलाहकार माने जाते हैं। डिस्ट्रिक्ट लेवल पर बात करें तो यह मुख्य चिकित्सा संबंधी सारी चीजों की निगरानी रखते हैं और इससे जुड़े हुए सभी कार्यों के लिए रिस्पांसिबल होते हैं। चीफ मेडिकल ऑफिसर को सबसे वरिष्ठ अधिकारी भी कहा जाता है जो सारे सरकारी हॉस्पिटल के मेडिकल डिपार्टमेंट के हेड होते हैं।
सीएमओ बनने के लिए क्या योग्यता चाहिए होती है?
मुख्य चिकित्सा अधिकारी का पद बहुत महत्वपूर्ण होता है परंतु इस पद को पाने के लिए आपको कुछ खास योग्यताओं की भी जरूरत पड़ती है। तो चलिए देखते हैं कि चीफ मेडिकल ऑफिसर बनने के लिए कौन-कौन सी योग्यताओं को निर्धारित किया गया है।
- जो भी कैंडिडेट चीफ मेडिकल ऑफिसर बनना चाहता है उसको 12वीं कक्षा पास होना बेहद जरूरी है और 12वीं कक्षा में उसके 55% मार्क्स हासिल करने होंगे।
- आपकी 12वीं कक्षा में बायोलॉजी का सब्जेक्ट होना चाहिए।
- 12वीं कक्षा करने के बाद कैंडिडेट को नीट परीक्षा पास करनी होगी। नीट की परीक्षा पास करने के लिए कैंडिडेट को कई सारी तैयारी करनी होगी और उसे एमबीबीएस में एडमिशन लेना होगा। 4 साल का एमबीबीएस करने के बाद आपको 1 साल का इंटर्नशिप का भी कोर्स करना होता है।
- जैसे ही आप एमबीबीएस के कोर्स को पूरा कर लेते हैं उसके बाद आप यूपीएससी के द्वारा आयोजित कराई गई कंबाइंड मेडिकल सर्विस सीएमएस का एग्जाम दे सकते हैं। यूपीएससी कंबाइंड मेडिकल सर्विस की परीक्षा करती है जिसके अंतर्गत सरकारी अस्पताल के लिए मेडिकल ऑफिसर के रूप में चयन किया जाता है। इस एग्जाम के तीन चरण होते हैं और अगर आप इस एग्जाम को क्वालीफाई करते हैं तो आप आसानी से के मेडिकल ऑफिसर बन सकते हैं।
- चीफ मेडिकल ऑफिसर बनने के लिए कैंडिडेट की आयु 21 साल निर्धारित की गई है। इसके साथ-साथ इस पद के लिए अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष डिसाइड की गई है। इस पद के लिए अगर आप आवेदन करना चाहते हैं और अगर आप ओबीसी केटेगरी से ताल्लुक रखते हैं तो इसके लिए आपको 3 वर्ष की छूट दी गई है और अगर आप एससी केटेगरी से आते हैं तो उसके लिए आपको 5 वर्ष की छूट दी गई है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी बनने के लिए आवश्यक दस्तावेज
मुख्य चिकित्सा अधिकारी बनने के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक होते हैं:
- आवेदन पत्र।
- 12वीं कक्षा की मार्कशीट।
- एमबीबीएस की डिग्री की मार्कशीट।
- UPSC CMS परीक्षा की मार्कशीट।
- आयु प्रमाण पत्र।
- जाति प्रमाण पत्र।
- मूल निवास प्रमाण पत्र।
- दो पासपोर्ट आकार की तस्वीरें।
CMO का क्या काम होता है?
सीएमओ एक जिले के अंदर मेडिकल विभाग का हेड होता है तो वह अपने जिले के अंदर स्वास्थ्य व्यवस्था और समस्या को समय-समय पर जांच करते रहता है ताकि आम जनता को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो।
किसी भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अंदर आने वाले जिले में स्वास्थ्य से जुड़ी हुई कौन-कौन सी परेशानियां या आपदाएं हैं उन सभी को जानना किसी भी मेडिकल ऑफिसर के लिए बेहद आवश्यक है। जानने के साथ-साथ उसको यह भी निश्चित करना होगा कि उन परेशानी उसका हल कैसे किया जाए। इसके अन्य कार्य निम्न हैं:
- यह समय-समय पर अपने जिले के अंदर सरकारी अस्पतालों का जायजा लेता है ताकि वह वहां की सेवाओं का ध्यान रख सके।
- अगर किसी जिले के अंदर अवैध रूप से दवाइयां का कारोबार चल रहा है तो इसकी जानकारी प्राप्त करते ही कोई भी अधिकारी एक उचित कदम उठाता है। इसकी जिम्मेदारी होती है कि किसी भी अवैध दवाई के कारोबार को बंद करें और उस पर कानूनी रूप से कार्यवाही की जाए।
- मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जिम्मेदारी यह भी होती है कि उसके जिले के अंदर कोई भी व्यक्ति बिना जानकारी के तो डॉक्टर बनकर नहीं बैठा हुआ है। इसका मतलब यह होता है कि जो भी व्यक्ति डॉक्टर की डिग्री लेकर वहां बैठा हुआ है उसने सचमुच में वहां डॉक्टर की डिग्री लेने के लिए पढ़ाई की है या नहीं।
- इसकी जिम्मेदारी होती है कि वह अपने पुरी की पूरी टीम के साथ जिले में स्वास्थ्य से जुड़े हुए क्षेत्र की हर तरीके से जांच करें।
- चीफ मेडिकल ऑफिसर की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने अंदर सारे ट्रेनिंग प्रोग्राम और बची हुई वैकेंसी और पूरे मेडिकल क्षेत्र के बजट का प्रबंध भी करें।
- इसके पास यह पावर होता है कि अगर कोई काम के दौरान एब्सेंट पाया गया है तो वह उसका वेतन रोक सकता है और इसके साथ-साथ उसका ट्रांसफर भी कर सकता है।
- इसकी यह भी जिम्मेदारी होती है कि अगर उसके जिले के अंतर्गत मेडिकल स्टोर पर सरकारी दवाइयां वितरण की जा रही है तो इस चीज पर लगाम लगाना। मेडिकल स्टोर पर जो सरकारी दवाइयां वितरण की जाती है वह आम जनता को काफी महंगे पैसे पर मिलती है और हर लोग इस दवाई को नहीं खरीद सकते हैं।
CMO कैसे बनें?
चीफ मेडिकल ऑफिसर बनने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया से एक उम्मीदवार को गुजरना होता है:
- शैक्षिक योग्यता: उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से MBBS की डिग्री होनी चाहिए।
- आयु सीमा: कैंडिडेट की आयु 21 से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- योग्यता परीक्षा: सीएमओ बनने के लिए उम्मीदवार को UPSC द्वारा आयोजित Combined Medical Service (CMS) परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है। यह परीक्षा निम्न दो चरणों में होती है:
- प्रारंभिक परीक्षा: यह परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रकार की होती है जिसमें सामान्य विज्ञान, सामान्य अध्ययन और चिकित्सा विज्ञान से प्रश्न पूछे जाते हैं।
- मुख्य परीक्षा: यह परीक्षा वस्तुनिष्ठ और डिस्क्रिप्टिव प्रकार की होती है जिसमें चिकित्सा विज्ञान से प्रश्न पूछे जाते हैं।
- साक्षात्कार: मुख्य परीक्षा में सफल होने के बाद उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। इसमें आपकी योग्यता, अनुभव और नेतृत्व क्षमता का मूल्यांकन किया जाता है।
Chief Medical Officer बनने के लिए कैंडिडेट को कड़ी मेहनत और समर्पण की आवश्यकता होती है। आपको चिकित्सा विज्ञान में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। साथ ही, आपको प्रशासनिक कौशल और नेतृत्व क्षमता भी विकसित करनी चाहिए।
सीएमओ का वेतन कितना होता है?
मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद पर काम कर रहे ऑफिसर की सैलरी वक्त के साथ बढ़ती जाती है और अनुभव के साथ यहां प्रमोशन भी मिलता है। लेकिन आमतौर पर शुरुआती समय में इसकी औसत सैलरी तकरीबन ₹45000 होती है। धीरे-धीरे इनकी सैलरी में इंक्रीमेंट होता है और इसके साथ-साथ कई सारी अन्य सरकारी सुविधाएं भी प्रदान की जाती है।
CMO Full Form से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न
CMO Full Form अंग्रेजी में CHIEF MEDICAL OFFICER होता है। हिंदी में इसे मुख्य चिकित्सा अधिकारी कहते हैं।
चीफ मेडिकल ऑफिसर का कार्य अपने जिले के अंदर सारी स्वास्थ्य से जुड़ी हुई सुविधा पूरे जिले भर में प्रदान करना है जिससे लोगों को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो।
चीफ मेडिकल ऑफिसर की सैलरी की शुरुआत तकरीबन ₹45000 से होती है। जैसे-जैसे यह काम करते जाते हैं वैसे-वैसे उनकी सैलरी बढ़ा दी जाती है। सैलरी के साथ-साथ के मेडिकल ऑफिसर को कुछ सरकारी सुविधाएं भी दी जाती है।
अगर आप की मेडिकल ऑफिसर बनना चाहते हैं तो उसके लिए आपको एमबीबीएस पास करना है। एमबीबीएस करने के लिए सबसे पहले आपको नीट का एग्जाम क्लियर करना होगा। 4 साल का एमबीबीएस और 1 साल की इंटर्नशिप पूरी होने के बाद ही आप की मेडिकल ऑफिसर बनने के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
इसकी सैलरी तकरीबन ₹45000 होती है।
आशा है कि मेरे द्वारा CMO Full Form क्या है? योग्यता, कैसे बनें? कार्य, सैलरी कितनी होती है? के बारे में दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी ऐसे ही लेटेस्ट सरकारी जॉब, सरकारी योजना व अपकमिंग जॉब्स की अपडेट पाने के लिए कैरियर बनाओ Careerbanao.net को जरूर बुकमार्क करें।