DM Ka Full Form: इस समय हमारा देश कई प्रदेशों में और प्रदेश कई जिलों में बटें हुए हैं। हर जिले का मालिक डीएम होता है। आजकल प्रचलित शब्दों में से यह भी एक है। बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो गूगल पर DM Full Form से संबंधित जानकारी सर्च कर रहे हैं।
आप सब की इसी दुविधा और शंका के समाधान हेतु आज के इस लेख में हम डीएम से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे डीएम का फुल फॉर्म क्या होता है?, डीएम बनने के लिए क्या-क्या योग्यता होनी चाहिए? SDM Kaise Bane, DM का वेतन मान कितना होता है? इत्यादि साझा करने वाले हैं। डीएम का फुल फॉर्म जाने के लिए यह पूरा लेख आज तक जरूर पढ़ें।
DM Ka Full Form का संक्षिप्त विवरण
- पद का नाम हिंदी में – ज़िलाधिकारी या जिला न्यायाधीश
- पद का नाम अंग्रेज़ी में – District Magistrate
- संक्षिप्त नाम – डीएम
- लेख का नाम – DM Ka Full Form in Hindi
- योग्यता – स्नातक
- वेतन – ₹55000-1,50,000/-
- मुख्य कार्य – जिले के संचालन और कानून व्यवस्था पर पूरा कण्ट्रोल
डीएम फुल फॉर्म विभिन्न संदर्भ के आधार
डीएम का फुल फॉर्म जो संदर्भ के आधार पर विभिन्न शर्तों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिसमे कुछ आमतौर पर प्रयोग में लाये जाने वाले ये भी हैं:
- DM: District Magistrate
- DM: Direct Message
- DM: Doctor of Medicine
- DM: Digital Marketing
- DM: Dungeon Master
District Magistrate: जैसा कि पहले चर्चा की गई है, DM एक सरकारी अधिकारी होता है जो एक जिले में एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक पद धारण करता है।
Direct Message: यह शब्द, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है, जहां यह दो उपयोगकर्ताओं के बीच भेजे गए एक निजी संदेश को संदर्भित करता है।
Doctor of Medicine: इसका उपयोग डॉक्टर ऑफ मेडिसिन के संक्षिप्त नाम के रूप में भी किया जाता है, जो स्नातकोत्तर चिकित्सा डिग्री है।
Digital Marketing: इसका उपयोग डिजिटल मार्केटिंग के लिए एक संक्षिप्त नाम के रूप में किया जाता है, जो कि सर्च इंजन, सोशल मीडिया, ईमेल और मोबाइल ऐप जैसे डिजिटल चैनलों का उपयोग करके उत्पादों या सेवाओं का प्रचार है।
Dungeon Master: डीएम का उपयोग टेबलटॉप रोल-प्लेइंग गेम जैसे डंगऑन और ड्रेगन के संदर्भ में भी किया जाता है, जहां यह डंगऑन मास्टर के लिए भी इस्तेमाल होता है, जो खेल की कहानी बनाने और चलाने और खेल के यांत्रिकी को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदार है।
DM Full Form क्या है?
दोस्तों डीएम एक संक्षिप्त नाम है जिसका एक विस्तृत रूप भी है। DM Ka Full Form अंग्रेजी में District Magistrate जबकि हिंदी में इसे जिलाधिकारी कहा जाता है।
यह अपने आप में एक बहुत ही प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण पद है जो कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अंतर्गत आता है। इसे आप एक आईएएस ऑफिसर या प्रशासनिक सेवा अधिकारी के रूप में भी जानते होंगे।
नीचे दिए गए टेबल के माध्यम से भी आप D.M को आसानी से और संक्षिप्त में समझ सकते हैं:-
D For | District (जिला) |
M For | Magistrate (अधिकारी या न्यायाधीश) |
अब तो आप समझ ही चुके होंगे कि DM Ka Full Form Kya Hota Hai? आइए अब जानते हैं कि डीएम क्या होता है?
डीएम क्या होता है?
दोस्तों जैसा आप जानते हैं कि इस समय भारतीय प्रशासनिक सेवा एक बहुत ही विशिष्ट सेवा के रूप में उभर कर सामने आ रही है। जबसे इंजीनियरिंग और मेडिकल के स्टूडेंट इससे अपना कैरियर के रूप में देखने लगे हैं। तब से इसकी प्रतिष्ठा और बढ़ गई है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा में स्थान बनाने के लिए संघ लोक सेवा द्वारा आयोजित सिविल सर्विस परीक्षा पास करनी होती है जो कि देश की सबसे बड़ी और कठिन परीक्षा होती है।
जो लोग यूपीएससी की सिविल परीक्षा पास कर लेते हैं। उन्हें आईएएस, आईपीएस और अन्य महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति दी जाती है। ज्यादातर लोगों का चुनाव आईएएस का होता है क्योंकि इसी के अंतर्गत व्यक्ति डीएम या जिलाधिकारी बनता है।
जिला अधिकारी पूरे जिले का सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी होता है जोकि जिले के विकास और सरकारों द्वारा पास कानून को अपने जिलों में लागू करने के लिए बाध्य होता है। इसके अतिरिक्त पूरे जिले के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य इत्यादि महत्वपूर्ण सेवाओं से जुड़ी जिम्मेदारी भी जिलाधिकारी की ही होती है।
DM कैसे बनें?
अगर आपके मन में भी डीएम बनने की इच्छा हो रही है तो इसके लिए आपको सिविल सर्विस एग्जाम पास करना होगा। सिविल सर्विस एग्जाम में बैठने के लिए आपके पास न्यूनतम शैक्षिक योग्यता के रूप में स्नातक होना आवश्यक है। अन्यथा आप इस परीक्षा में नहीं बैठ सकते हैं।
यह परीक्षा पास करने के बाद आपको अपनी रैंक के अनुसार आईएएस के लिए चयनित किया जाता है जिसके अंतर्गत आपको डीएम का पद मिलता है।
इस परीक्षा में निम्नलिखित तीन चरण होते हैं:-
1- प्रारंभिक परीक्षा
सिविल सर्विस एग्जाम के अंतर्गत प्रारंभिक परीक्षा में कुल 2 पेपर होते हैं। यह दोनों ही पेपर बहुविकल्पी प्रकार के होते हैं। सभी सफल आवेदन करने वाले अभ्यर्थी इसमें बैठते हैं। प्रारंभिक परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर अभ्यर्थियों को शॉर्टलिस्ट कर मुख्य परीक्षा के लिए बुलाया जाता है। इस परीक्षा को सीसैट के नाम से भी जाना जाता है।
2- मुख्य परीक्षा
यह परीक्षा पेन और पेपर पर आधारित लिखित परीक्षा होती है जिसमें कुल 7 पेपर होते हैं। इनमें चार पेपर जीएस यानी जनरल स्टडीज के, 1 पेपर Essay के और 2 पेपर ऑप्शनल सब्जेक्ट के होते हैं। अंतिम मेघा सूची तैयार करने में इन पेपर में प्राप्त अंकों को गणना में लिया जाता है।
3- साक्षात्कार
मुख्य परीक्षा में शॉर्टलिस्ट किए गए कुछ उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाता है। जहां पर व्यक्ति विशेष के व्यक्तित्व को परखा जाता है। इसमें आपको आपके प्रदर्शन के अनुसार अंक दिए जाते हैं। अंतिम मेघा सूची तैयार करने में साक्षात्कार में प्राप्त अंकों को भी जोड़ा जाता है।
जो उम्मीदवार उपरोक्त तीनों चरणों से सफलतापूर्वक निकल जाते हैं। उन्हें दस्तावेज परीक्षण करने के बाद लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकैडमी आफ एडमिनिस्ट्रेशन में 1 वर्ष की ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है। 1 वर्ष का ट्रेनिंग खत्म होने के बाद आपको देश के विभिन्न जिलों में रैंक के आधार पर नियुक्ति दी जाती है।
District Magistrate बनने के लिए आवश्यक योग्यता
एक अभ्यर्थी को डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट बनने के लिए निम्नलिखित पात्रता मापदंडों और आवश्यक शैक्षिक योग्यताओं को पूर्ण करना होता है:-
अभ्यर्थी का भारत का नागरिक होना अति आवश्यक है। जन्मे अतिरिक्त अभ्यर्थी के पास भारत के किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से न्यूनतम शैक्षिक योग्यता के रूप में स्नातक की उपाधि होनी चाहिए।
जिलाधिकारी बनने के लिए आयु सीमा
जिलाधिकारी बनने के लिए अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 30 वर्ष होनी चाहिए। साथ ही साथ संघ लोक सेवा आयोग के नियमानुसार अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी उम्मीदवारों के लिए अधिकतम आयु 33 वर्ष जबकि अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए 35 वर्ष निर्धारित की गई है।
आयु सीमा छूट से संबंधित अधिक जानकारी के लिए आप यूपीएससी का ऑफिशल नोटिफिकेशन जरूर पढ़ सकते हैं।
डीएम के क्या-क्या कार्य हैं?
जैसा हमने ऊपर लेख में चर्चा की कि जिलाधिकारी पूरे जिले का सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी होता है। इसके कंधों पर पूरे जिले की कानून व्यवस्था को बनाए रखने के साथ-साथ विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा से जुड़ी जिम्मेदारियां भी होती है।
जिला-अधिकारी समय-समय पर सभी विकास कार्यो की रिपोर्ट मंडलायुक्त को भेजता है। मंडलायुक्त के अनुपस्थित होने पर जिला विकास प्राधिकरण के पद पर अध्यक्ष के रूप में जिलाधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाता है। इसके अतिरिक्त वार्षिक अपराध की रिपोर्ट समय-समय पर राज्य सरकार को भी प्रेषित करता है।
District magistrate का मुख्य दायित्व
एक जिला मजिस्ट्रेट, जिसे जिला कलेक्टर के रूप में भी जाना जाता है, एक सरकारी अधिकारी होता है जो एक जिले या जिलों के समूह में एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक पद धारण करता है।
उनकी प्राथमिक भूमिका जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखना और सरकार के विभिन्न विभागों के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करना है। जिला मजिस्ट्रेट के कुछ मुख्य कार्यों में शामिल हैं:
कानून और व्यवस्था (Law and Order): जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला मजिस्ट्रेट जिम्मेदार है। उनके पास जिले में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों को आदेश और निर्देश जारी करने का अधिकार है।
प्रशासन (Administration): जिला मजिस्ट्रेट जिले के समग्र प्रशासन के लिए जिम्मेदार होता है। वे विभिन्न विभागों जैसे राजस्व, सार्वजनिक निर्माण, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के कामकाज की निगरानी करते हैं।
आपदा प्रबंधन (Disaster Management): जिले में होने वाली किसी भी प्रकार की प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं के प्रबंधन के लिए जिला मजिस्ट्रेट जिम्मेदार होता है। वे प्रभावित लोगों को राहत और पुनर्वास प्रदान करने के लिए विभिन्न विभागों और एजेंसियों के साथ समन्वय करते हैं।
राजस्व प्रशासन (Revenue Administration): जिला मजिस्ट्रेट राजस्व के संग्रह के लिए जिम्मेदार होता है, जिसमें कर, भू-राजस्व और अन्य सरकारी बकाया शामिल हैं। वे भूमि अभिलेखों के रखरखाव और भूमि के स्वामित्व से संबंधित विवादों के निपटारे की देखरेख भी करते हैं।
चुनाव (Election): जिले में चुनाव कराने में जिलाधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार हैं कि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और सुचारू रूप से संचालित हो।
विकासात्मक गतिविधियाँ (Developmental Activities): जिलाधिकारी जिले के समग्र विकास के लिए जिम्मेदार होता है। वे सड़कों, पुलों, स्कूलों, अस्पतालों और अन्य बुनियादी सुविधाओं के निर्माण जैसी विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों की योजना बनाते हैं और उन्हें लागू करते हैं।
संक्षेप में, District Magistrate एक महत्वपूर्ण सरकारी अधिकारी है, जो कानून और व्यवस्था बनाए रखने, प्रशासन की देखरेख, आपदाओं का प्रबंधन, राजस्व एकत्र करने, चुनाव कराने और विकासात्मक गतिविधियों की योजना बनाने और उन्हें लागू करने के द्वारा जिले के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है।
DM full form in WhatsApp chat क्या होता है?
जैसा कि आपको पता है कि व्हाट्सएप एक खास प्रकार का सोशल में दिया ऐप है जिसके जरिए हम इंटरनेट के माध्यम से किसी को भी डायरेक्ट मैसेज कर सकते हैं.
- D – Direct (डायरेक्ट)
- M – Message(मैसेज)
whatsapp chat के टर्म में DM का मतलब होता है, डायरेक्ट मैसेज(Direct Message) यानी कि व्हाट्सएप चैट के जरिए आप ऑनलाइन डाटा कनेक्शन मौजूद रहने की स्थिति में किसी को डायरेक्ट मैसेज करने में तत्पर होंगे।
DM full form Instagram
जैस आप सभी जानते है कि यह सोशल मीडिया का युग है। आजकल इंस्टाग्राम का लोग काफ़ी ज़्यादा इस्तेमाल करने लगे हैं। ऐसे में चैटिंग के दौरान इन प्लेटफार्म से जुड़े कई संक्षिप्त शब्दों का इस्तेमाल होने लगा है। इन्हीं में से एक है डीएम। इंस्टाग्राम पर डीएम का मतलब Direct Message होता है। जब आप इंस्टाग्राम पर किसी यूजर से सीधे बात करना चाहते हैं तो आप उन्हें DM यानी Direct Message करते हैं.
- IVF Full Form क्या है? पूरी प्रक्रिया के बारे में जानिए
- BMI Full Form क्या होता है? महत्व, बीएमआई कैसे निकालते हैं? की जानकारी
- RDO full form | RDO (Revenue Divisional Officer), पात्रता, सैलरी और कार्य से जुडी पूरी जानकरी
- CMO Full Form क्या है? योग्यता, कैसे बनें? कार्य, सैलरी कितनी होती है?
- M.Tech Full Form क्या है? और कैसे करें, योग्यता, फीस जॉब जाने सब कुछ यहां
- RIP Full Form क्या है? रिप कब इस्तेमाल किया जाता है?
- TC Full Form क्या है? डुप्लीकेट टीसी कैसे प्राप्त करें?
- RBI Full Form क्या है? स्थापना, मुख्यालय, वर्तमान गवर्नर, कार्य की जानकारी
- ED Full Form क्या है? कार्य, उद्देश्य, अधिकार से जुड़ी जानकारी
डीएम से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न
डीएम का फुल फॉर्म District Magistrate होता है। इसे जिलाधिकारी कहा जाता है।
वास्तव में डीएम और कलेक्टर में बड़ा अधिकारी पद, शक्तियों और कार्यक्षेत्रों के अनुसार डीएम होता है, जो पूरे जिले का सबसे बड़ा अधिकारी होता है। जबकि कलेक्टर किसी जिले के केवल राजस्व विभाग से जुड़ा कार्य देखता है।
District Magistrate बनने के लिए आयु-सीमा की बात करें तो न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 30 वर्ष तक होनी चाहिए।
सामान्य रूप से डीएम के नीचे SDM होता है जिन्हें Sub-District Magistrate भी कहा जाता है। हिंदी में इसे उप-ज़िलाधिकारी कहते हैं।
जिले का सबसे बड़ा मालिक डीएम या ज़िलाधिकारी होता है।
इसके अन्य नामों में जिला मजिस्ट्रेट या कलेक्टर होता है।
District Magistrate एक आईएएस लेवल का अधिकारी होता है। इसे सस्पेंड करने का पॉवर राज्य के मुख्यमंत्री यानी राज्य सरकार को होता है।
आशा है कि मेरे द्वारा DM Ka Full Form के बारे में दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी ऐसे ही लेटेस्ट जॉब अपडेट पाने के लिए कैरियर बनाओ Careerbanao.net को जरूर बुकमार्क।
2 thoughts on “DM Full Form क्या है? कैसे बनें, कार्य, योग्यता, आयु-सीमा के बारे में जानिए”