जमीन की कीमत कैसे निकाले? जमीन की कीमत में दिन-प्रतिदिन काफी तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. खासकरके ग्रामीण इलाकों की अपेक्षा शहरी इलाकों में पिछले 2 दशकों से यह बढ़ोतरी दिन दोगुना रात चौगुना की गति से हो रही है.
काफी सारे लोग जो ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्र में बस रहे हैं इसके वजह से वह शहर में जमीन भी खरीद रहे हैं। आज के इस पोस्ट में हम जमीन की कीमत कैसे निकाले, इन सभी के बारे में पुरे विस्तार से बात करेंगे, अतः इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें –
जमीन की कीमत – संक्षिप्त विवरण
- पोस्ट का नाम – जमीन की कीमत कैसे निकाले?
- लाभार्थी का नाम – सभी राज्य के के नागरिक
- श्रेणी – बिहार सरकार प्रशासनिक सेवा
- आवेदन की प्रक्रिया – ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन
जमीन की कीमत कैसे निकाले?
भारत में जमीन की कीमत का अंदाजा लगाने के मुख्य 5 तरीके हैं. इन सभी तरीकों में से किसी भी एक तरीके का इस्तेमाल करके जमीन की वैल्यू को बड़ी आसानी से निकाला जा सकता है.
- कंपैरेटिव प्रॉपर्टी वैल्यूएशन मेथड (Comparative property valuation method)
- डेवेलपमेंट मेथड (development method)
- द लैंड एंड बिल्डिंग मैथड (Belting method to find out the value of the land)
- जमीन की वैल्यू मालूम करने के लिए बेल्टिंग मैथड (Belting method to find out the value of the land)
- प्रॉपर्टी वैल्यूएशन के लए द गाइडेंस वैल्यू मैथड (The Guidance Value Method for Property Valuation)
कंपैरेटिव प्रॉपर्टी वैल्यूएशन मेथड (Comparative property valuation method) –
कंपैरेटिव प्रॉपर्टी वैल्यूएशन मेथड से किसी भी प्रॉपर्टी का औसत कीमत का अनुमान लगाने के लिए मुख्य रूप से छह अलग-अलग बातों का ध्यान रखा जाता है, जिसमें जमीन का लोकेशन, सेप, साइज, लेबल, फ्रंटेज और लीगल इश्यूज आदि पर ध्यान दिया जाता है.
वर्तमान समय में अपार्टमेंट बेस्ट प्रोजेक्ट शहरों में काफी तेजी से प्रचलन में है इसमें कंपैरेटिव प्रॉपर्टी वैल्यूएशन मेथड का इस्तेमाल अभी भी काफी चलन में है. ताकि, फ्लैट की कीमत का मूल्यांकन आसानी से किया जा सके इसके अंतर्गत मान लीजिए हाल में दो फ्लैट एक हाउसिंग सोसायटी ने एक करोड़ की कीमत में बेचे हैं.
अगर भविष्य में इन प्रॉपर्टीज को बेचा जाएगा तो वही राशि आपकी संपत्ति के लिए कीमत के रूप में होगी। यहां प्रॉपर्टी वैल्युएशन मेथड काम करता है क्योंकि, आप जैसे एक्टिव मार्केट में रह रहे हैं. वहां पर उस जमीन का एक तुलनात्मक कीमत मौजूद है वहां पर फ्लैट को बेचने के लिए खरीदने के लिए काफी अच्छे खरीदार भी मिल सकते हैं.
किंतु कुछ ऐसे खरीदार मिल सकते हैं जो आपके फ्लैट के सिर्फ 90 लाख से ज्यादा पैसे ना दे पाएं, इसका मुख्य कारण हो सकता है –
जमीन का लोकेशन – हाउसिंग सोसाइटी में किसी भी जमीन की कीमत को निर्धारित करने में उसकी लोकेशन काफी अहम भूमिका निभाती है, जिसमें फ्लैट मुख्य एंट्री प्वाइंट्स का काफी ध्यान रखते हैं खरीदार।
जमीन का सेप – जमीन की सेब कोई भी शख्स जब भी जमीन करता है तो वह उसके सेफ यानी कि आकार को खासतौर से ध्यान देता है. क्योंकि घर बनाने के लिए जमीन के आकार को वास्तु शास्त्र के अनुसार होना भारत में काफी मायने रखता है वास्तु के सिद्धांत के अनुसार अनियमित आकार के फ्लैट मालिक के निजी कार्य व्यवसाय से जुड़े वृद्धि में प्रभाव डालते हैं.
जमीन का साइज – जमीन का साइज भी एक अहम रोल अदा करता है उसकी कीमत को निर्धारित करने में अर्थात बहुत ज्यादा छोटा अथवा बहुत ज्यादा बड़ा जमीन की साइज भी कीमत को प्रभावित करती है.
जमीन का लेबल – कोऑपरेटिव प्रॉपर्टी वैल्युएशन मेथड से जमीन की कीमत का अंदाजा लगाने में जमीन का लेबल एक महत्वपूर्ण बिंदु है, जिस शहर में आपका अपार्टमेंट है उसके अनुसार भी कीमत में परिवर्तन होता रहता है. मुंबई जैसे बड़े शहरों में एक हाउसिंग सोसाइटी ऊपर के स्टोरी फ्लैट की कीमत ग्राउंड फ्लोर की कीमत से ज्यादा है. किन्तु दिल्ली में यह उल्टा है.
जमीन का फ्रंटेज – जमीन के किसी कॉर्नर फ्लैट या कॉर्नर प्लॉट में बड़ी आसानी से एंट्री और एग्जिट किया जा सकता है. जिससे की अन्य प्रॉपर्टीज की अपेक्षा इसकी कीमत ज्यादा है.
जमीन का लीगल इश्यूज – जमीन का लीगल इश्यूज के बारे में बात किया जाए तो इसके अंतरगर्त जैसे की एक जमीन जो भाई/बहन दोनों के नाम पर है, और दोनों में से कोई एक अपना प्रॉपर्टी का शेयर बेचना चाहत है जबकि दूसरा नहीं चाहता है तो, यह एक परेशानी का कारन हो सकता. जिससे कीमत प्रभावित होगी।
डेवेलपमेंट मेथड (development method)
डेवेलपमेंट मेथड (development method) से भी जमीन की कीमत का आकलन किया जाता है. इसके अंतरगर्त जमीन पर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट के बाद उसकी कीमत में काफी ज्यादा बृद्धि हो जाती है तुलना में जब जमीन पर कोई भी निर्माण नहीं किया गया होता है उसके।
इस बात को यदि हम उदहारण से समझे तो यदि 27000 स्क्वायर फीट की कीमत से कोई जमीन 4 से 5 लाख की कीमत में बिकती है, दिल्ली एनसीआर में, तो वहीँ, जमीन पर कंस्ट्रक्शन अर्थात इंफ्रास्ट्रक्चर बनवाने के बाद उसका दाम 20 से 25 लाख रुपए प्रति बीघा तक पहुंच जाता है.
द लैंड एंड बिल्डिंग मैथड (Belting method to find out the value of the land)
लैंड वैल्युएशन मेथड से मूल्यांकन अलग-अलग भी किया जा सकता है जिसे आखरी में वैल्यू तक पहुंचने के लिए जमीन की मूल्य को संख्या में जोड़ा जाता है. इसके अंतर्गत जमींन में पुनः निर्माण लागत मूल्य हास की व्यवस्था की जाती है.
जमीन की वैल्यू मालूम करने के लिए बेल्टिंग मैथड (Belting method to find out the value of the land)
जमीन की वैल्यू मालूम करने के लिए बेल्टिंग मैथड से भी उसकी कीमत का मूल्यांकन करते हैं इसे आमतौर पर शहरी इलाकों की जमीनों के टुकड़े की जांच के लिए खास तौर से इस्तेमाल किया जाता है. इसके अंतर्गत पूरी जमीन को तीन अलग-अलग बेल्ट में बांटा जाता है और उसके उस टुकड़े को ज्यादा कीमत में वैल्यू दी जाती है, जो सड़क के किनारे हैं अथवा मेन रोड के करीब है.
आमतौर पर फ्रंट बेल्ट को 10 फीट तक खींचा जा सकता है, जबकि सेकंड बेल्ट को 50 फीट तक, इसके बाद जो शेष बचता है वह थर्ड बेल्ट का हिस्सा होता है. फर्स्ट बेल्ट की कीमत को 75% तक बड़ा करके रखा जाता है अगर वन बेल्ट आमतौर पर 10 रुपए की है तो 150 फीट तक एरिया लगभग 7.50 का होगा।
प्रॉपर्टी वैल्यूएशन के लए द गाइडेंस वैल्यू मैथड (The Guidance Value Method for Property Valuation)
प्रॉपर्टी वैल्यूएशन के लए द गाइडेंस वैल्यू मैथड से भी जमीन की कीमत का आकलन करते हैं. इसके अंतर्गत प्रशासन के द्वारा जमीन के लिए कुछ खास तरीके की गाइडेंस वैल्यू जारी किया जाता है. जिन्हें सर्किल रेट के नाम से जानते हैं, एक प्रॉपर्टी को दूसरे व्यक्ति के पास यदि ट्रांसफर किया जाता है, तो उसमे स्टैंप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क को जोड़ा जाता है.
जमीन का सर्किल रेट कैसे पता करें up?
आधिकारिक तौर पर जमीन का सर्किल रेट पता करने के लिए आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं, तो निम्न स्टेप को फॉलो करें –
⦿ उत्तर प्रदेश राज्य के राजस्व विभाग के ऑफिशल पोर्टल पर जाएं।
⦿ वहां अपने जनपद तहसील और गांव को चुने।
⦿ आप की जमीन नगरी क्षेत्र में है या ग्रामीण क्षेत्र में उसे चुने।
⦿ मूल्यांकन सूची से जुड़े विकल्प को चुनें।
⦿ मूल्यांकन सूची में जमीन की कीमत आसानी से देख सकते हैं.
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जमीन की कीमत कैसे निकाले? – खास प्रश्न
सरकारी जमीन की कीमत अलग – अलग राज्य में अलग – अलग है जिसे राज्य सरकार के ऑफिसियल वेबसाइट के जरिये बड़ी आसानी से चेक किया जा सकता है. इसके लिए बताये जा रहे स्टेप को बारी – बारी से फॉलो करें –
⦿ सबसे पहले अपने राज्य के राजस्व विभाग कि अधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
⦿ वहां दिखाई दे रहे मूल्यांकन सूची विकल्प को चुने।
⦿ जमींन के प्रकार को चुने।
⦿ आपके स्क्रीन पर आपके क्षेत्र से सम्बंधित जमींन की कीमत की सूचि प्राप्त होगी जिसे चेक कर लें.
⦿ जमीन का सरकारी रेट निकालने के लिए अथवा पता करने के लिए अपने
⦿ राज्य के राजस्व विभाग के ऑफिशल पोर्टल पर जाएं।
⦿ वहां अपने जनपद तहसील और गांव को चुने।
⦿ उसके पश्चात आप की जमीन नगरी क्षेत्र में आती है या फिर ग्रामीण क्षेत्र में उसे चुने।
⦿ मूल्यांकन सूची से जुड़े विकल्प को चुनें।
⦿ मूल्यांकन सूची में जमीन की कीमत आसानी से देख सकते हैं.
भूमिका सर्कुलर रेट अथवा मूल्य सरकारी तौर पर सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है, जो लंबे समय तक एक ही कीमत पर बना रहता है. किंतु, भूमि का मूल्य लोकल मार्केट में उसकी डिमांड के आधार पर परिवर्तित होता रहता है, यदि आसपास के इलाकों में विकास का स्तर काफी तेज है, तो निश्चित तौर पर उस भूमि की कीमत में काफी तीव्र गति से बढ़ोतरी होगी।
सरकारी तौर पर जमीन की कीमत को निर्धारित करने का कार्य हर एक राज्य का राजस्व भूमि सुधार विभाग के अंतर्गत आता है, उन्हें के द्वारा भूमि का सर्कुलर रेट निर्धारित किया जाता है.
हमें आशा है कि मेरे द्वारा जमीन की कीमत कैसे निकाले? के बारे में दी गई यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। ऐसी ही अन्य जानकारी के लिए CareerBanao.Net को बुक्मार्क करें, धन्यवाद।