NTCA Full Form in Hindi: आज हम जिस टॉपिक के बारे में बात करने वाले हैं, उससे कई बार हमने यूपीएससी और स्टेट सिविल सर्विसेज के अंदर प्रश्न बनते हुए देखे हैं। हमारे इस टॉपिक का नाम है NTCA जिसे हिन्दी में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण भी कहा जाता है।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एक प्रकार का ऐसा वैधानिक निकाय है, जिसे हमने प्रोजेक्ट टाइगर और भारत में कई सारे टाइगर रिजर्व के प्रबंधन के अन्तर्गत रखा गया है। इस प्राधिकरण की स्थापना टाइगर फोर्स की सिफारिश के बाद 2005 में की गई थी। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण भारत के कई सारे टाइगर रिजर्व का प्रभारी भी है। इसको पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन रखा गया है।
इस लेख में हम आपको NTCA से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें जैसे NTCA Ka Full Form in Hindi या NTCA का पूरा नाम क्या है? एनटीसीए क्या है? इसकी स्थापना कब हुई? इसके मुख्य कार्य इत्यादि के बारे चर्चा करने वाले हैं जो सभी यूपीएससी सिविल सेवा की तैयारी करने वाले युवाओं व अन्य वन डे एग्जाम के अभ्यर्थियों के लिये बहुत ही मददगार साबित होने वाला है।
NTCA Full Form क्या है?
NTCA Ka Full Form in Hindi में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण जबकि अंग्रेज़ी में “National Tiger Conservation Authority” होता है। यह भारत सरकार के अधीन एक महत्वपूर्ण संगठन है जो मुख्य रूप से बाघों के संरक्षण और उनके जीवनकाल की सुरक्षा के लिए उत्तरदायी है। इसके उद्देश्यों में भारत में बाघों के आरक्षित क्षेत्रों के प्रबंधन, उनकी जनसंख्या का संरक्षण, और उनके जीवनकाल को बढ़ाने के लिए नीतियों को संचालित करना है।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) क्या है?
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण जिसे संक्षेप में NTCA के नाम से जाना जाता है, भारत सरकार का एक सांविधिक निकाय है, जो पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। इसकी स्थापना दिसंबर 2005 में टाइगर टास्क फोर्स की सिफारिश के बाद की गई थी। एनटीसीए प्रोजेक्ट टाइगर और भारत के कई टाइगर रिजर्व के प्रभारी के तौर पर भी जाना जाता है।
यह प्राधिकरण वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के प्रावधानों के तहत अस्तित्व में आया था। इसके अंदर बाघ संरक्षण को और मजबूत करने के उद्देश्य से इसमें 2006 में संशोधन किया गया इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं:
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने टाइगर रिजर्व द्वारा प्रदान की जाने वाली सारी सेवाओं के मूल्यांकन का अध्ययन शुरू किया है जो हमारे जलवायु और जल संरक्षण में उनकी भूमिका को प्रदर्शित करता है।
- National Tiger Conservation Authority का मुख्य रूप से कार्य बाघों की स्थिति का आँकलन, सभी चल रहे संरक्षण पहलुओं और विशेष रूप से बनी हुई समितियों पर ध्यान देना, अलग-अलग समितियां द्वारा दिए गए सलाह पर विशेष रूप से कार्य करते हुए संरक्षण को मजबूत बनाना है।
- इसके अतिरिक्त यह प्राधिकरण अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए और अपने कार्यों के प्रदर्शन में बाघ के संरक्षण के लिए किसी भी व्यक्ति या अधिकारी को लिखित निर्देश दे सकता है। जिस भी व्यक्ति अधिकारी को लिखित निर्देश मिला है उसे इसकी आज्ञा का पालन करना अति-आवश्यक होगा।
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी CBI, वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो व कई सारे विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर किसी भी अवैध शिकार गतिविधि को रोकने के लिए अलर्ट भी जारी कर सकता है।
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority) और राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड (National Board for Wildlife – NBWL) के इजाजत के बिना टाइगर रिजर्व की बाउंड्री में किसी प्रकार का कोई भी बदलाव नहीं किया जा सकता है।
- भारत के अंदर कोई भी राज्य सरकार किसी भी प्रकार के रिज़र्व को डी-नोटिफाई नहीं कर सकती जब तक वह लोगों के हित में ना हो और नेशनल बोर्ड फॉर वाइल्डलाइफ की मंजूरी उसके हाथ में ना हो।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की स्थापना कब हुई थी?
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण अर्थात् NTCA की स्थापना दिसंबर 2005 में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत की गई थी। इसका उद्घाटन हमारे देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह जी द्वारा प्रोजेक्ट टाइगर के सुचारू संचालन और भारत में टाइगर रिजर्व का बेहतरीन तरीके से संचालन करने के लिए कराया गया था। इसकी स्थापना हमारे टाइगर टास्क फोर्स के सिफारिश पर हुई थी।
एनटीसीए भारत में बाघ संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और विभिन्न राज्यों में टाइगर रिजर्व की स्थापना और प्रबंधन के लिए गाइडलाइन तैयार करना इसके प्रमुख कार्यों में से एक है। इस प्राधिकरण को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य बाघों के संरक्षण और उनके जीवनकाल के लिए उनके प्राकृतिक आवास की सुरक्षा करना और उनकी तेज़ी से घटती जनसंख्या को बढ़ाने के लिए सुव्यवस्थित ठंड से प्रयास करना है।
प्रोजेक्ट टाइगर (Project TIGER) क्या है?
प्रोजेक्ट टाइगर पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की एक केंद्र प्रायोजित परियोजना है। इसके अन्तर्गत बाघों के प्राकृतिक आवास की सुरक्षा, उनके जीवनकाल में देखभाल, और लोगों को जागरूक करने के उपाय किए जाते हैं ताकि बाघों के संरक्षण से संबंधित सभी मामलों में सुधार हो सके।
भारत सरकार ने सन 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत की थी और अपने राष्ट्रीय पशु बाघ के संरक्षण का जिम्मा उठाया। इस स्थापना के बाद से प्रोजेक्ट टाइगर ने हमारे 18 टाइगर रेंज, राज्यों में फैले 51 टाइगर रिजर्व में अपने आप को फैला लिया है। यह हमारे देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल (ज्योग्राफिकल एरिया) के लगभग 2.23% के बराबर है।
राष्ट्रीय बाघ सुरक्षा प्राधिकरण की आवश्यकता क्यों पड़ती है?
एनटीसीए जिसे राष्ट्रीय बाघ सुरक्षा प्राधिकरण के रूप में जाना जाता है, की आवश्यकता पड़ने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:
- यह प्राधिकरण यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी रिजर्व के अंदर किसी प्रकार का खनक और उद्योग जैसी कोई पर्यावरण विनाशकारी गतिविधियां न हो सकें। क्योंकि इन सभी गतिविधियों की वजह से वाइल्डलाइफ पर खतरा बढ़ सकता है।
- बाघ सुरक्षा से संबंधित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के स्किल डेवलपमेंट के लिए चल रहे सभी कार्यक्रम को और भी सुविधाजनक बनाना जिससे वह वाइल्डलाइफ और वाइल्डलाइफ सेंचुरी को अच्छे तरीके से संरक्षित कर सकें।
- भारत में अवैध गतिविधियों को देखते हुए National Tiger Conservation Authority की आवश्यकता काफी तेजी से बढ़ चुकी है। बाघों के शरीर के अंगों को जब अवैध बाजार में भेजा जाता है तो वहां भारी कीमत देखने को मिलती है। इसकी वजह से हमारे देश के अंदर बाघों की आबादी को लेकर एक बहुत बड़ा खतरा मंडरा रहा है।
- भारत के बाघों का अस्तित्व निर्धारित करने के लिए हमें राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण जैसे संस्था की आवश्यकता होती है। बाघ संरक्षण की सबसे बड़ी प्राथमिकता को देखते हुए राष्ट्रीय बाघ सुरक्षा प्राधिकरण की स्थापना की गई ताकि वह अवैध शिकार गतिविधियों को रोक सके और अलर्ट जारी कर सके। इस प्राधिकरण का सहयोग देने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो, वन्य जीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो और पुलिस विभाग हमेशा तत्पर रहती है।
- सेंट्रल गवर्नमेंट ओर स्टेट गवर्नमेंट के सारे कानून के अनुरूप आसपास के सभी क्षेत्रों में इस प्रकार के ऐसे इनीशिएटिव ला सके ताकि लोगों की भागीदारी वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन की तरफ ज्यादा बढ़ सके।
एनटीसीए का कार्य क्या है?
एनटीसीए अर्थात् राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के निम्नलिखित कार्य हैं:
- जब भी इस प्राधिकरण को जरूरत पड़ती है तो वह शिकारी से संबंधित सूचना प्रसारित करके सभी राज्यों को सचेत करता है। सचेत करने का मूल मकसद बाघों की जनसंख्या बचाने से होती है।
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण सभी संरक्षण से संबंधित कार्यों की जांच करने के लिए राज्य सरकार को सचेत करता है। इसके साथ-साथ जंगल के GROUND LEVEL की तलाशी के लिए यह सभी राज्य सरकारों को सलाह भी देता है।
- अवैध शिकार विरोधी अभियानों के लिए यह कई सारे राज्यों को सहायता भी प्रदान करता है। इसने ऐसे कई सारे अभियान शुरू कर रखे हैं जिससे अवैध शिकार को रोका या कम से कम किया जा सके।
- जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में स्थापित थर्मल कैमरे का उपयोग करके बेहतर निगरानी की जा सकती है। कई बार National Tiger Conservation Authority ऐसे सुझाव राज्य सरकारों को देता है जिससे वाइल्डलाइफ की निगरानी अच्छे से की जा सके।
- एनटीसीए कई बार अलग-अलग भागों की फोटो आईडी डेटाबेस रखने के लिए कैमरा ट्रैप का उपयोग करके सभी टाइगर रिजर्व के निगरानी शुरू करने के लिए भी कहता है।
भारत में कितने टाइगर रिजर्व हैं?
यदि देखा जाये तो मौजूदा समय में, भारत में टाइगर रिजर्व की कुल संख्या 54 हैं। इनमें से 52 टाइगर रिजर्व भारत के 18 राज्यों में जबकि 2 केंद्र शासित प्रदेशों में स्थित हैं। शेष बचे 2 टाइगर रिजर्व, नामचीन और काजीरंगा, बांग्लादेश के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित हैं। भारत में टाइगर रिजर्व की सूची को आप नीचे टेबल के जरिए देख सकते हैं:
राज्य / केंद्र शासित प्रदेश | टाइगर रिजर्व का नाम |
---|---|
अरुणाचल प्रदेश | नमदाफा, कमलंग, पक्के |
छत्तीसगढ़ | उदंती-सीतानदी, अचानकमार, इंद्रावती, कांगेर घाटी, पेंच |
झारखंड | पलामू |
मध्य प्रदेश | बांधवगढ़, पेंच, कान्हा, सतपुड़ा, संजय-दुबरी, मेलघाट, ताडोबा-अंधारी, पेंच |
महाराष्ट्र | टाइगर बफर ज़ोन, वन्यजीव अभयारण्य, ताडोबा-अंधारी, पेंच, सह्याद्रि, नवेगाँव-नागज़ीरा, बोर, दम्पा |
नागालैंड | मोकोकचुंग |
ओडिशा | सुंदरगढ़, कालांजीर, नीलगिरि |
राजस्थान | सरिस्का, रामगढ़ विषधारी |
सिक्किम | कलिंगपोंग |
तमिलनाडु | मन्नार, मुदुमलाई, ओरुगायम, पेरियार, परम्बिकुलम |
तेलंगाना | नागार्जुन सागर-श्रीशैलम |
उत्तराखंड | जिम कॉर्बेट, राजाजी, दुधवा, रणथंभौर |
उत्तर प्रदेश | पीलीभीत, कान्हा, रानीपुर |
पश्चिम बंगाल | सुंदरवन, जलदापारा-राजघाट, सिमलीपाल |
2023 में भारत में कितने बाघ हैं?
भारत में अभी कुल बाघों की जनसंख्या 3682 बाघ हैं, जबकि 2018 में मात्र 2967 थी। पिछले चार वर्षों में बाघों की जनसंख्या में लगभग 700 यानी कुल 24% की वृद्धि देखने को मिली है। जोकि काफी सराहनीय है।
NTCA Full Form से जुड़े प्रश्न
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के अध्यक्ष पर्यावरण एवं वन मंत्री हैं।
भारत में कुल 50 टाइगर रिजर्व है जिसमें से सबसे नया अरुणाचल प्रदेश का टाइगर रिजर्व है जिसे 2016 में बनाया गया था।
भारत में अभी कुल बाघों की जनसंख्या 3682 बाघ हैं, जबकि 2018 में मात्र 2967 थी।
भारत में मध्य प्रदेश के अंदर सबसे ज्यादा टाइगर देखने को मिलते हैं। मध्य प्रदेश के अंदर सबसे ज्यादा टाइगर की संख्या है जो 526 के करीब है।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एक प्रकार का ऐसा वैधानिक निकाय है, जिसे हमने प्रोजेक्ट टाइगर और भारत में कई सारे टाइगर रिजर्व के प्रबंधन के लिए बना रखा है।
इसका फुल फॉर्म National Tiger Conservation Authority होता है, हिंदी में इसे राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण भी कहते हैं।
वर्तमान में, भारत का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व नागार्जुन सागर-श्रीशैलम है।
29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के रूप में मनाया जाता है।
आशा है कि मेरे द्वारा NTCA Full Form क्या है? एनटीसीए क्या है? स्थापना, प्रोजेक्ट टाइगर व कार्य के बारे में दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी ऐसे ही लेटेस्ट सरकारी जॉब, सरकारी योजना व अपकमिंग जॉब्स की अपडेट पाने के लिए कैरियर बनाओ Careerbanao.net को जरूर बुकमार्क करें।