SUPW Full Form in Hindi: आज हम जिस टॉपिक के बारे में बात करने वाले हैं आजकल के स्कूल और कॉलेजेस इसको लेकर काफी ट्रेंड में रहते हैं। यह एक ऐसा टॉपिक है जिसको हर स्कूल और कॉलेज द्वारा आज के समय पर डिमांड किया जा रहा है। हमारे इस टॉपिक का नाम है एसयूपीडबल्यू। एसयूपीडबल्यू का फुल फॉर्म सोशली यूजफुल प्रोडक्टिव वर्क (SOCIALLY USEFUL AND PRODUCTIVE WORK)।
इसके अंदर बहुत सारे कार्य आते हैं जो सबसे महत्वपूर्ण शारीरिक कार्य और सेवाएं होते हैं। इसके अंदर वह सभी कार्य आते हैं जो समाज, समुदाय और बच्चों की जरूरत से संबंधित है और छात्र जीवन में इसके कई सारे रूप देखने को मिलते हैं। SUPW शब्द पहली बार शिक्षा मंत्रालय द्वारा इस्तेमाल करते हुए दिखाई दिया जो महान महात्मा गांधी के नैतिकता, मूल्य और शैक्षिक शिक्षाओं को लोगो के अंदर प्रोत्साहित करने के लिए लाया गया था।
आज के इस लेख में हम आपको एसयूपीडबल्यू से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें जैसे एसयूपीडब्ल्यू का मतलब क्या होता है? SUPW Full Form in Hindi क्या है? समाजोपयोगी उत्पादक कार्य का शिक्षा में क्या महत्व है? सामाजिक रूप से उपयोगी उत्पादक कार्य के प्रणेता कौन थे? Supw का उद्देश्य क्या है? एसयूपीडब्ल्यू की क्या जरूरत है? इत्यादि के बारे में विस्तार से बतायेंगे, तो चलिए जानते हैं…
एसयूपीडब्ल्यू का मतलब क्या होता है?
हमारे देश में कई प्रकार के सामाजिक कार्य विभिन्न स्तरों पर किए जाते हैं जो कि लोगों के द्वारा या सरकार के द्वारा आयोजित किया जाता है। ठीक इसी प्रकार से SUPW भी एक ऐसा सामाजिक उपयोगी कार्य है जो लोगों की सहायता करता है। लोगों की सहायता करने के लिए अलग-अलग संस्थाएं जुड़ी होती हैं जो की इंसानों, जानवरों और आर्थिक रूप से गरीब बच्चों की मदद करती हैं। इसके अंतर्गत अनेक प्रकार के सामाजिक कार्य आते हैं जो लोगों के हित के लिए बहुत आवश्यक होते हैं। इस संस्था का सिर्फ एकमात्र उद्देश्य लोगों की सामुदायिक सेवा करना होता है।
इसके अंतर्गत बहुत सारे कार्य होते हैं जिनमें विद्यालय में होने वाले कार्यकलाप जैसे कढ़ाई, बुनाई ,चित्रकार, खाना बनाना आदि भी शामिल हैं। इसके अंदर लोगों तथा छात्रों को एक टीम में मिलकर काम करना सिखाया जाता है। इस प्रकार के संस्था का आरंभ 1978 में किया गया था और इसका उद्देश्य महात्मा गांधी के आदर्शवादी विचारों को प्रसारित कर रहा था।
SUPW Full Form क्या है?
एसयूपीडबल्यू अंग्रेजी के चार अक्षरों से मिलकर बना है। SUPW Ka Full Form हिंदी में समाजोपयोगी उत्पादक कार्य जबकि अंग्रेजी में Socially Useful Productive Work होता है। इसके अंदर छात्र को कई सारे ऐसे कार्य सिखाए जाते हैं जो समाज और देश के लिए एक प्रोडक्टिव साबित हो या बन सके। साथ ही साथ छात्रों के अंदर सेवा की भावना को उजागर किया जाता है जिससे वह एक दूसरे के प्रति आदर और सम्मान की सकारात्मक सोच पैदा कर सके।
SUPW का उद्देश्य क्या है?
समाजोपयोगी उत्पादक कार्य के कुछ मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- एसयूपीडबल्यू का मुख्य उद्देश्य गांधी जी के सिद्धांतों को हमारे शिक्षा प्रणाली के अंदर डालना ताकि वहां पर बच्चों के अंदर लोगों की सेवा करने के भाव जागृत हो।
- इसके अतिरिक्त इसका उद्देश्य लोगों के अंदर एक ऐसी संगति का विकास करना है जहां वह एक दूसरे के हित के बारे में सोच सके।
- SUPW के अंदर महात्मा गांधी के मूल्य उद्देश्य जैसे नॉन वायलेंस अहिंसा सत्य बोलना आत्म स्वतंत्रता और कई सारे अलग-अलग प्रकार के मूल्यों को लोगों के अंदर जागृत करना है।
- इसके मदद से स्वरोजगार या रचनात्मक कार्य उत्पादकता देखने को मिलती है। जब मनुष्य सामाजिक रूप से उपयोगी बनेगा और दूसरों का साथ देगा तो समाज के डेवलपमेंट की भी चिंता दूर हो जाएगी।
- इसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को आत्मनिर्भर बनकर देश में बेरोजगारी दर को कम करना भी है ताकि वह इस बदलती हुई दुनिया का सामना कर सके और अपना काम आसानी से शुरू कर सके
- बालक के कार्य क्षमता में वृद्धि करना ताकि वह सीखने के साथ-साथ थोड़ी-थोड़ी कमाई भी कर सके जिससे उसके जीवन यापन करने में किसी प्रकार की कोई परेशानी ना आए।
- पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूकता करना भी है ताकि लोग अपना उत्तरदायित्व तथा समर्पण की भावना से इस देश का विकास कर सके।
एसयूपीडब्ल्यू के अंदर कौन-कौन से प्रकार के कार्यक्रम आते हैं?
एसयूपीडब्ल्यू के अंदर ऐसे कई प्रकार के कार्यक्रम हमको देखने को मिल जाएंगे जैसे:-
- कक्षा और घर की सफ़ाई
- बागवानी
- चित्रकारी
- नृत्य
- गायन
- खाना बनाना
- साबुन, टूथ पाउडर, डिटर्जेंट आदि बनाना
- छात्रों के लिए ट्यूशन या कोचिंग
- स्वास्थ्य के साथ-साथ स्वच्छता का भी ध्यान रखें
- मोमबत्तियाँ बनाना
- माता-पिता और पड़ोसियों को उनके संबंधित कार्यों या नौकरियों में मदद करना।
- कपड़े धोना, सिलाई करना, बुनाई करना
- छोटों और बड़ों को उनके काम में मदद करना
- बेकार सामग्री से सर्वोत्तम बनाना
- पेपर बैग, त्यौहार कार्ड बनाना
- जैविक खेती और भी बहुत कुछ इत्यादि।
SUPW की अवधारणा क्या है?
एसयूपीडबल्यू की मुख्य अवधारणा लोगों को और बच्चों को भविष्य के अवसर और सामाजिक माहौल में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल करना है। इसकी मदद से वह समाज में बदल रहे व्यवहारिकताओं को समझ पाएंगे और अपने आप को उसी प्रकार से बदल पाएंगे।
यह किसी भी बच्चों के लिए एक बेहतरीन कांसेप्ट है जहां वह अपने आप को प्लानिंग, प्रिपरेशन, एग्जीक्यूशन और एनालिसिस के सीरीज में डाल सकता है। इसके के चार मुख्य घटक हैं जैसे विज्ञान ,कार्य ,मानवता, और सामाजिक सद्भावना।समाजोपयोगी उत्पादक कार्य का पूरा का पूरा कोर्स धर्मनिरपेक्षता,समानता, स्वतंत्रता, मानवता पर आधारित है।
एसयूपीडब्ल्यू के अंदर आयोजित शिविर
अजीम प्रेमजी स्कूल में आयोजित शिविर का उद्देश्य
अजीम प्रेमजी स्कूल में एसयूपीडब्ल्यू के आधार पर ही एक शिविर आयोजित कराया गया जिसके अंदर बच्चों को यह सिखाया गया विद्यालय छुट्टियों को किस तरीके से उपयोगी बनाया जाए तथा रोजमर्रा के कामों में किस प्रकार से बच्चे अपने घर वालों की मदद कर सके और कैसे वह अपने आसपास से जुड़ी हुई समस्याओं को लेकर पत्र लेखन कर सकते हैं।
इस शिविर के अंदर और भी कई सारे उद्देश्य थे जो निम्नलिखित है:-
- बच्चों के अंदर आत्मविश्वास पैदा करना ताकि वह अपनी क्षमताओं को पहचान सके और उसका सही इस्तेमाल कर सके।
- बच्चों के अंदर किताब पढ़ने और लेखन के प्रति एक ऐसी रुचि पैदा करना जिससे वह भारत के इतिहास को तथा उससे जुड़े हुए कल्चरल और हेरिटेज को पहचान सके।
- बच्चों के आसपास पड़े हुए संसाधनों को उन्हें इस प्रकार से उसका इस्तेमाल करना सीखना जिससे वह समाज के लिए कुछ अच्छा कर सके।
- बच्चों के अंदर एक दूसरे के प्रति सम्मान की भावना पैदा करना तथा दूसरों के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण बनाएं रखना।
- इससे घर का मुख्य उद्देश्य यह भी था कि आप रोचकता के साथ कैसे कार्य को कर सकते हैं और लर्निंग बाय डूइंग का कॉन्सेप्ट कितने अच्छे तरीके से इसका संचालन सकते हैं।
समाजोपयोगी उत्पादक कार्य का शिक्षा में क्या महत्व है?
समाजोपयोगी उत्पादक कार्य अर्थात् एसयूपीडब्ल्यू का शिक्षा के क्षेत्र में काफी महत्व देखने को मिलता हैं। इनमें से कुछ का उल्लेख हमने नीचे किया है:
- समाज सेवा: इसके माध्यम से छात्रों को सामाजिक सेवा की भावना और कौशल विकसित करने का मौका मिलता है, जिससे समाज में सुधार किया जा सकता है।
- नौकरी के अवसर: समाजोपयोगी कार्यों का अध्ययन करने से छात्रों को विभिन्न क्षेत्रों में नौकरी के अवसर मिलते हैं, जैसे कि सामाजिक कार्यकर्ता, गैर-सरकारी संगठनों में कार्यकर्ता, इत्यादि।
- जीवन कौशल: इसके माध्यम से छात्र समाज में सामाजिक और नैतिक मूल्यों का सहयोग करने के लिए आवश्यक जीवन कौशल भी सीखते हैं।
- समरसता और समाज में सामाजिक समानता की प्रोत्साहना: समाजोपयोगी कार्यों का अध्ययन करने से समरसता और समाज में सामाजिक समानता की भावना पैदा होती है, जो समृद्धि के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
- स्वास्थ्य और मानसिक विकास: समाजोपयोगी कार्य से छात्रों का आत्मविश्वास बढ़ता है और मानसिक स्वास्थ्य भी सुधारता है, क्योंकि वे दूसरों की मदद करके संतुष्टि महसूस करते हैं।
इसलिए, समाजोपयोगी उत्पादक कार्य का शिक्षा व मानव समाज के उन्नति और समृद्धि के दिशा में महत्वपूर्ण योगदान है।
SUPW Full Form से जुड़े प्रश्न
इसका फुल फॉर्म सोशली यूजफुल एंड प्रोडक्टिव वर्क (SOCIALLY USEFUL AND PRODUCTIVE WORK) है।
इसके अंदर कई सारे कार्य आते हैं जिसके लिस्ट हमने आपको यहां नीचे दे रखी है:-
1)कक्षा और घर की सफ़ाई,
2)बागवानी
3)चित्रकारी
4)नृत्य
5)गायन
6)खाना बनाना
इसका का मुख्य उद्देश्य बच्चों और लोगों के अंदर एक ऐसी भावना जागृत करना है जिससे वह समाज को बेहतरीन बना सके और अपने अंदर लर्निंग बाय डूइंग का कॉन्सेप्ट ला सके ताकि वह अपनी क्षमताओं को पहचान सके और उसका सही इस्तेमाल कर सके।
सुप भारत के हर उसे इंसान के लिए होता है जो समाज के प्रति जिम्मेदार होना चाहता है।
इसके के अंदर ऐसे कई सारे कार्य आते हैं जो महिलाएं आसानी से कर सकती हैं जैसे की कढ़ाई, बुनाई, सिलाई, पढ़ाई, चित्रकार, हस्तकला आदि।
इसके अंदर बहुत सारे कार्य आते हैं जो सबसे महत्वपूर्ण शारीरिक कार्य और सेवाएं होते हैं। इसके अंदर वह सभी कार्य आते हैं जो समाज, समुदाय और बच्चों की जरूरत से संबंधित है ।
आशा है कि मेरे द्वारा SUPW Full Form क्या है? अवधारणा, उद्देश्य व कार्य के बारे में दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी ऐसे ही लेटेस्ट सरकारी जॉब, सरकारी योजना व अपकमिंग जॉब्स की अपडेट पाने के लिए कैरियर बनाओ Careerbanao.net को जरूर बुकमार्क करें।