WTO Full Form in Hindi: आज हम अपने लेख में एक ऐसी संस्था के बारे में बात करने जा रहे हैं जिसके बारे में अपने कई बार सुना होगा। दरअसल जब भी किन्हीं दो देशों के बीच संबंध खराब होते हैं, तो उनके बीच में व्यापार को लेकर कई सारे मतभेद चलते पैदा हो जाते हैं। ऐसे स्तिथि में वहां एक ऐसी संस्था निकाल कर आती है, जो इन दोनों देशों के व्यापार के मामलों को सेटल करने में जुड़ जाती है। उस संस्था का नाम होता है विश्व व्यापार संगठन जिसे संक्षेप में हम WTO के नाम से भी जानते हैं।
आज हम अपने इस लेख में आपको डब्ल्यूटीओ से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें जैसे कि WTO क्या है? Vishwa vyapar sangathan ka mukhyalay kahan hai? WTO Ka Full Form in Hindi क्या है? vishwa vyapar sangathan ke karya hain? विश्व व्यापार संगठन के उद्देश्य क्या हैं? Vishwa vyapar sangathan ki sthapna kab hui thi? विश्व व्यापार संगठन का प्रथम अध्यक्ष कौन था? विश्व व्यापार संगठन के वर्तमान अध्यक्ष कौन हैं? इत्यादि साझा करने वाले हैं, तो आइए शुरू करते हैं।
WTO या Vishwa Vyapar Sangathan क्या है?
विश्व व्यापार संगठन एक ऐसी संस्था है, जो वैश्विक स्तर पर कई सारे देश के बीच व्यापार से संबंधित नियमों को लागू करती है और उसकी देखरेख करती है। इस संस्था के अंदर कई सारे व्यापारिक देशों द्वारा बातचीत किए गए हैं, और अंत में उनके हस्ताक्षर किए गए हैं।
WTO Ka Full Form क्या है?
WTO Ka Full Form इंगलिश में World Trade Organization (वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन) है, जबकि हिंदी में इसे विश्व व्यापार संगठन कहा जाता है। Vishwa vyapar sangathan ki sthapna 1 जनवरी 1995 को की गई थी। इसकी स्थापना से पहले एक एग्रीमेंट हुआ करता था जिसे हम जनरल एग्रीमेंट ऑन टैरिफ एंड ट्रेड (General Agreement on Tariffs and Trade or GATT) कहते थे, उसे हटाकर विश्व व्यापार संगठन को बनाया गया था।
WTO की विशेषता क्या-क्या है?
विश्व व्यापार संगठन की हमें कई सारी विशेषता देखने को मिल जाएगी जैसे- यह संस्था GATT की तुलना में काफी ज्यादा डायवर्स देखने को मिलती है। पहले GATT सिर्फ एक एग्रीमेंट था, जहां पर जो भी व्यापार होते थे वह सिर्फ किसी एग्रीमेंट के नाम पर होते थे। विश्व व्यापार संगठन अब एक प्रकार की ऐसी संस्था है जो इन सभी कार्यों को देखते हैं। इसी वजह से यह संस्था उस एग्रीमेंट पर ज्यादा हावी होती है।
World Trade Organization के अंदर रहे हर एक सदस्य के पास एक ही वोट का अधिकार है। यह अपने उन सभी सदस्य देशों को एक ऐसा प्लेटफॉर्म प्रोवाइड करता है जहां पर वह अपनी टर्म और कंडीशन को रख सके और अपनी डिमांड पूरी कर सके। यह हमेशा से सभी देशों के बीच में एक ट्रांसपेरेंसी मेंटेन करते हुए आया है जिसकी वजह से लोगों का भरोसा एक दूसरे पर टिका हुआ है।
विश्व व्यापार संगठन के उद्देश्य क्या हैं?
विश्व व्यापार संगठन के उद्देश्यों में निम्नलिखित चीजें शामिल हैं:
- यह सभी देशों के आर्थिक विकास के बारे में सोचता है और उनके रोजगार को बढ़ाने में उन्हें प्रोत्साहित भी करता है। कई बार यह ऐसे नियम और कानून लेकर आता है, जिससे कोई भी देश अपना आर्थिक विकास आसानी से कर सके। इस संस्था को वर्ल्ड बैंक (WB) के साथ-साथ इंटरनेशनल मोनेटरी फंड (IMF) जैसी संस्थानों से फाइनेंशियल हेल्प आसानी से मिल जाती है।
- World Trade Organization का मुख्य उद्देश्य व्यापार को बढ़ावा देना है और अगर इससे जुड़ी हुई किसी प्रकार की कोई रुकावट सामने आती है तो यह उसे हटाने का कार्य करता है। अभी भी कई सारी ऐसी रुकावटें कई देशों द्वारा लगाई जाती हैं जिससे व्यापार में परेशानियां देखने को मिलती है जैसे टैरिफ और आयात प्रतिबंध या कोटा।
- जब भी कोई देश अकेले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार करता है तो उसे कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके साथ-साथ उसका खर्चा भी बहुत ज्यादा देखने को मिलता है। डबल्यूटीओ एक ऐसी संस्था है जो इस परेशानी से सभी देशों को छुटकारा दिलाती है। यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार में हो रही लागत में काफी कटौती करता है।
- विश्व व्यापार संगठन सभी देशों को एक ऐसा मंच प्रदान करता है जिस पर वह अपने अनुसार अपने विवादों को सुलझा सकते हैं और जरूरत पड़ने पर यह उनके मध्य उनकी परेशानियों को सुलझाता भी है।
- विश्व व्यापार संगठन हमेशा किसी भी व्यापार को रूल्स और रेगुलेशन के अंदर ही रखकर करता है ताकि किसी भी पार्टी को नुकसान ना हो। यह अपने पॉलिसी के अंदर ट्रांसपेरेंसी को मेंटेन रखता है।
- WTO डेवलपिंग और गरीब देश को विकसित करने में मदद करता है। जब भी इसके व्यापार प्रणाली को देखेंगे तो हमें यह देखने को मिलेगा की यह हमेशा से डेवलपिंग देश और गरीब देश को व्यापार में मदद करते हुए आता है। WTO हमेशा से छोटे-छोटे देश की आवाज बनकर उभरता है। कई बार जो गरीब देश या डेवलपिंग देश होते हैं वह अपने कंडीशन ताकतवर देश के सामने नहीं रख पाते हैं, लेकिन विश्व व्यापार संगठन हमेशा इन देशों के लिए प्रेजेंट रहता है। हमेशा विकासशील देशों के लिए एक मजबूत आवाज बनते हुए दिखाई दिया है।
- विश्व व्यापार संगठन हमेशा से शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए हर देश को कुछ रिकमेंडेशन जारी करता है। जब भी अर्थव्यवस्था में उतार-चढ़ाव होता है तो यह उनमें स्थिरता प्रदान करने को तैयार रहता है।
- विश्व व्यापार संगठन हमेशा से यह कोशिश करता है कि वह व्यापार को सुगम बना सके। यह हमेशा से टैरिफ और गैर-टैरिफ जैसी बाधाओं को हटाकर हमारे इंटरनेशनल ट्रेड को एक बेहतर बनाने की कोशिश करता है। इस संस्था का ऐसा करने का मुख्य उद्देश्य हमेशा से यह रहा है कि इसके सभी सदस्य देश को अधिक से अधिक बाजार पहुंच मिल सके।
- यह संस्था हमेशा से ऐसी कोशिश करती हुई आई है कि यह उन सेवाओं का उत्पादन और सभी प्रकार के व्यापार को बेहतर उपयोग करने के लिए जिम्मेदार है। यह संस्था यह भी सुनिश्चित करती है, की हर प्रकार के संसाधनों का एक सही प्रकार का इस्तेमाल हो रहा है या नहीं।
- विश्व व्यापार संगठन हमेशा से यह रिकमेंडेशन देते हुए आ रहा है कि किसी भी देश को अपने बिजनेस पार्टनर के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं करना चाहिए। यहां पर WTO ने साफ-साफ उन सारी एक्टिविटीज को रोकने की बात की है जिससे दो पार्टी के बीच में ट्रेड रिलेशंस खराब हो सकते हैं।
Vishwa Vyapar Sangathan में भारत की भूमिका
विश्व व्यापार संगठन के अंदर भारत की कई अहम भूमिकाएं देखने को मिली है। भारत इसके अंदर सब्सिडी नियमों के सुधार को लेकर कई बार नेतृत्व करते हुए दिख जाता है। भारत के ऐसा करने का मुख्य उद्देश्य यह है की जितनी भी डेवलपिंग देश है वह फूड सिक्योरिटी पर थोड़ा ध्यान दे सके। भारत हमेशा से यह चाहता है की मल्टीलेटरल ट्रेडिंग सिस्टम और बेहतर बनाया जा सके जहां हर देश एक दूसरे से मिलकर व्यापार को सुविधाजनक बनाएं।
भारत ने World Trade Organization के साथ जो कृषि के क्षेत्र में एग्रीमेंट किया है वह कहीं ना कहीं भारत के लिए दोहरा प्रभाव डालते हुए दिखाई दे रही है। भारत में आज भी 70% जनसंख्या कृषि पर आधारित है। इसके साथ-साथ भारत में कई गुना फॉरेन इन्वेस्टमेंट में बढ़ोतरी भी देखने को मिली है। भारत ने कई प्रकार की मॉडर्न टेक्नोलॉजी को भी अपनाया है जिससे इसे कई प्रकार से फायदा हुआ है।
डब्ल्यूटीओ के वर्तमान अध्यक्ष कौन है?
डब्ल्यूटीओ (Vishwa Vyapar Sangathan) के वर्तमान अध्यक्ष नगोजी ओकोन्जो-आइवियेला हैं। वह 1 मार्च, 2021 से इस पद को सम्भाल रहे हैं। वह विश्व व्यापार संगठन की पहली महिला और अफ्रीकी महानिदेशक हैं।
नगोजी ओकोन्जो-आइवियेला नाइजीरिया की एक अर्थशास्त्री और राजनेता भी हैं। उन्होंने नाइजीरिया के वित्त मंत्री और विदेश मंत्री के रूप में भी कार्य किया है। वह विश्व बैंक की पूर्व उप-प्रमुख भी हैं।
Vishwa Vyapar Sangathan का सबसे आखिरी मेम्बर कौन है?
Vishwa Vyapar Sangathan (WTO) का सबसे आखिरी मेंबर अफगानिस्तान बना था। 29 जुलाई 2016 को विश्व व्यापार संगठन का 164वाँ सदस्य हमें यह देश देखने को मिला था। अफगानिस्तान ने पहले ही 2004 में इस संस्था की सदस्यता के लिए आवेदन किया हुआ था। World Trade Organization ने अपने दसवीं मंत्री स्तरीय सम्मेलन जो की केन्या के नैरोबी में हुआ था उसके अंदर अफगानिस्तान के सदस्यता को मंजूरी दे दी है।
Vishwa vyapar sangathan ka mukhyalay kahan hai?
विश्व व्यापार संगठन का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैण्ड में स्थित है। यह सेंटर विलियम रैपर्ड में स्थित है, जो एक संयुक्त राष्ट्र परिसर है। आपको बता दें कि WTO का मुख्यालय 1995 में स्थापित किया गया था, जब यह जनरल एग्रीमेंट ऑन टैरिफ्स एंड ट्रेड (GATT) को बदल दिया गया था।
इसका मुख्यालय विश्व व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यहाँ, WTO के सदस्य देश व्यापार नीति पर चर्चा करते हैं, विवादों को सुलझाते हैं, और नए समझौतों पर बातचीत करते हैं। एक तरह से इसका मुख्यालय दुनिया भर से व्यापारियों, व्यवसायियों, और नीति निर्माताओं के लिए महत्वपूर्ण आकर्षण का केंद्र बिंदु है।
विश्व व्यापार संगठन के कार्य क्या हैं?
विश्व व्यापार संगठन का मुख्य कार्य अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देना, उसके विकास और विस्तार को सुनिश्चित करना है। इसके कुछ प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं:
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देना: WTO का सबसे महत्वपूर्ण कार्य अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देना है। यह व्यापार के लिए नियमों को निर्धारित करके और उनका पालन करवाकर व्यापार को सुगम और अधिक पारदर्शी बनाता है। इसके नियमों के अनुसार, सदस्य देश एक-दूसरे के साथ व्यापार करने के लिए कम शुल्क और अन्य प्रतिबंधों का भुगतान करते हैं। इससे व्यापार लागत कम होती है और व्यापार बढ़ता है।
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए नियम निर्धारित करना: World Trade Organisation अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए नियम निर्धारित करता है। इन नियमों का उद्देश्य व्यापार को उचित, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना है। इसके नियमों के अनुसार, सदस्य देश एक-दूसरे के साथ व्यापार करने के लिए समान अधिकारों और अवसरों का आनंद ले सकते हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के विवादों को हल करना: इसके साथ-साथ विश्व व्यापार संगठन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के विवादों को हल करता है। जब किसी सदस्य देश का मानना है कि किसी अन्य सदस्य देश ने WTO के नियमों का उल्लंघन किया है, तो वह डब्ल्यूटीओ के विवाद समाधान प्रक्रिया का उपयोग कर सकता है। इसकी एक स्वतंत्र विवाद समाधान प्रणाली है जो व्यापार विवादों को निष्पक्ष और प्रभावी ढंग से हल करती है।
इसके कुछ निम्न कार्य भी हैं:
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से जुड़े मामलों पर शोध और विश्लेषण करना।
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण प्रदान करना।
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए नए अवसरों को बढ़ावा देना।
WTO Ka Full Form से जुड़े प्रश्न
इसका का हैडक्वाटर स्वीटजरलैंड, जेनेवा में है।
इसका आखिरी मेंबर अफगानिस्तान बना था। सन 2016 में अफगानिस्तान को विश्व व्यापार संगठन ने सदस्यता की मंजूरी दी थी।
इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है की विश्व में व्यापार अच्छे से चल सके।
विश्व व्यापार संगठन के अंदर वर्तमान में कुल मिलाकर 164 सदस्य देश हैं जिसमें से अफगानिस्तान इसका सबसे आखरी सदस्य है।
कई बार घरेलू उत्पादों की रक्षा के लिए टैरिफ लगाए जाते हैं, ताकि बाहर से आए हुए प्रोडक्ट महंगे बिकें जिससे अपने डोमेस्टिक प्रोडक्ट को थोड़ा सस्ता रख सके।
GATT को हटाकर विश्व व्यापार संगठन को लाया गया है।
विश्व व्यापार संगठन के कई सारे कार्य हैं जैसे- सभी अंतरराष्ट्रीय व्यापारों को सुगम बनाना ताकि हर देश अपने में सुविधाजनक तरीके से अंतरराष्ट्रीय व्यापार को कर सके। इसके साथ-साथ कई सारे नियमों का निर्माण करना ताकि कोई भी देश अपनी मनमानी न कर सके।
जी हां, भारत को विश्व व्यापार संगठन के कई सारे लाभ देखने को मिले हैं। आज के समय में भारत उभरती हुई इकोनामी दिखाई दे रही है जो अपने ट्रेड और कॉमर्स पर काफी ज्यादा ध्यान दी हुई है। ऐसे में विश्व व्यापार संगठन भारत के लिए काफी मददगार साबित दिखाई दे रहा है।
भारत विश्व व्यापार संगठन का मेंबर बनने से पहले GATT का मेंबर था। GATT 8 जुलाई 1948 को बनाया गया था और भारत GATT का 8 जुलाई 1948 से ही मेंबर है। विश्व व्यापार संगठन को 1 जनवरी 1995 में बनाया गया था और भारत तबसे उसका मेंबर है।
वैसे तो विश्व व्यापार संगठन से भारत को कई सारे फायदे हुए हैं परंतु भारत को कुछ नुकसान भी हुए है। भारत में अब कंपटीशन काफी तेजी से बढ़ते हुए दिखाई दे रहा है क्योंकि बहुत सारी फॉरेन कंपनी अब भारत के मार्केट पर अपना कब्जा बढ़ा रही है।
WTO Ka FULL FORM – WORLD TRADE ORGANISATION है।
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